ओस कणो के आसूं
अपरिचित,
संयोग क्षणिक
संयोग क्षणिक
स्वंय का अस्तित्व
असहाय बन मिटा प्रतिपल
असीम उन्माद के
अपवाद में
अपवाद में
चित्रों की आशा निराशा
क्षणीक उतेजना
गहरा कोहरा
गहरा कोहरा
भूलो के फूल में
जीवन सुना
जीवन सुना
छलक गरल शिला सा क्षण
रथ चक्र क्षणों का पल
बिखरे प्राण
बिखरा
अस्तित्व का कोहरा
बिखरा
अस्तित्व का कोहरा
विषाद के कण
अस्थिर
अस्थिर
अनगिनत स्वर
अनसुनी कर
अनसुनी कर
जलते सत्य की आग में
तृष्णा मुग्ध बेसुध
जर्जर हुई रुई डोर
अस्थिर पथ पर चुर
अश्रु पात वीणा का तार
अभिमान माया की
धुंधली यादों में
धुंधली यादों में
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