Thursday, December 4, 2014

तेरा खिलखिलाना

     सफर  एक  अजनबी  संग  में 
लाल  हरी चूड़ियों की रंग में 
रुनझुन करती पायल के अभंग में 
सुहाने पलों के उमंग में 
आज भी याद है तेरा खिलखिलाना .....

सभी तस्वीरों की यादों में 
पल पल बीतते हुए क्षणों में 
आँगन में यंहा से वंहा चलने में 
तिरछी नजरों की सायों में 
आज भी याद है तेरा खिलखिलाना .....

देखकर मुझे इठलाती सी
 न जाने क्यों पगली सी
बीते पलों की तस्वीरों सी   
चलती हुई मुस्कुराती सी 
आज भी याद है तेरा खिलखिलाना .....

No comments: