मेरा सूनापन
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चित्र गुगल से साभार |
आँखे राह तकती रही
कारवां गुजरते गए
तन्हाई में भी
अंधेरो में ही रहता हूँ
हर राह को तकता
उम्मीद की किरणों मे..
हलचल सी उठी थी
बीत गये बरसो
तेरे दामन की खुशबू में
अब भी है
तेरे आने की आहट
…………सिर्फ तू ना आई
…………सिर्फ तू ना आई
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