Thursday, December 18, 2014

मेरा सूनापन

चित्र गुगल से साभार

आँखे राह तकती रही 
कारवां गुजरते गए
तन्हाई में भी 
अंधेरो में ही रहता हूँ 
हर राह को तकता
उम्मीद की किरणों मे..
हलचल सी उठी थी
बीत गये बरसो
तेरे दामन की खुशबू में
अब भी है
तेरे आने की आहट
…………सिर्फ  तू ना आई
…………सिर्फ  तू ना आई

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