शब्द..शब्द..शब्द..
Thursday, March 26, 2015
Monday, March 23, 2015
अंतीम राह
चित्र गुगल से साभार
अंतहीन सफर
अपने ही सायों के सिरों तक
बिफरे हुये आकाश के आइनों में
वेदनाओं के पत्थर की सिरा पर
फुट रहे थे झरने आखों से
थकी हुई थी इच्छाऐ
समय था बेबस
उम्र के ढलान पर
साझं के
सन्नाटो की दुविधा में
सन्नाटो की दुविधा में
टुटे निर्मोही रिश्ते कंधो पर लादे
मंजिलों को तरसे टूटी दिवारें
आस्थाएं निराशाये
पल पल ओझल पडावो में
दूर तक फैले आंसुओ की झील
एकाकी निर्जन सपने उलझाये
साँझ
धीरे धीरे गगन से उतरती हुई
अदृष्य को गढती गिले गालों पर
निर्जीव मन में सृजन करता गरल
टुटे हुये मन की छटपटाहट .......
Sunday, March 15, 2015
Friday, March 13, 2015
Thursday, March 12, 2015
Monday, March 9, 2015
Thursday, March 5, 2015
रचनाऐ 2
चूडियों की खनक
बन्द हो गई
अपने सवालों के तलाश में
खो जाने के सफर में
मन मजबूर
यादों के भंवर में
गुजरते वक्त की
आवाजे
उदास मेरी देह
अदृश्य परछाइयों की तरह
जलती लपटों के स्पर्श से
आग के पास रखी
अस्पर्श राख
बन्द हो गई
अपने सवालों के तलाश में
खो जाने के सफर में
मन मजबूर
यादों के भंवर में
गुजरते वक्त की
आवाजे
उदास मेरी देह
अदृश्य परछाइयों की तरह
जलती लपटों के स्पर्श से
आग के पास रखी
अस्पर्श राख
दर्द भरे
चुभते आग के तीरों से
छुआ है
'तुम्हारे'
अहम के तपते अंगारों को
मायूसी में
उम्मीद की तरह
सपनों की अदला बदली में
आसुओं से
गलना सिख लिया
गलना सिख लिया
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