Sunday, March 15, 2015

मौन

चित्र इन्टरनेट से साभार





अजनबी आवाजों की
मृगतृष्णा मे
जब मन हो जाएगा नम ।।
खो जाएँगे हवाओं में
फासलों को समेट कर
जब वक्त हो जाएगा कम ।।
मौन
मुझसे बना अपरिचित
जब आँखे तुम्हारी होगी नम ।।







1 comment:

रेणु said...

आँखों की नमी से भी लोग पहचान लेते हैं मौन में छुपे बवंडर को !!! सुंदर लघु रचना रचना आदरणीय सर | बहुत प्रभावी लेखन | कृपया भिन्न भिन्न मंचों पर शेयर करें अपनी रचनाएँ | सादर -